लोना चमारी कौन थी ? लोना चमारी शाबर मंत्र साधना विधि
लोना चमारी साधना बहुत ही शीघ्र फल प्रदान करने वाली मानी गयी है | इस साधना में सिद्धि प्राप्त करने पर साधक हर प्रकार के वशीकरण, भूत-प्रेत से छूटकारा, डाकिनी-शाकिनी से मुक्ति इस प्रकार के हर कार्यो में सफलता प्राप्त करता है | शाबर मन्त्रों में भी लोना चमारी की दुआई का बड़ा महत्व माना गया है | ऐसी मान्यता है कि किसी भी शाबर मंत्र को सिद्ध करते समय लोना चमारी/(Lona Chamari Mantra Sadhana) की दुहाई देने से मंत्र अति शीघ्र सिद्ध होते है |
लोना चमारी कौन थी :-
विद्वान जानकारों के मत अनुसार लोना चमारी कई प्रकार की होती है : एक लोना चमारी पंजाब के अमृतसर शहर के चमार गाँव की रहने वाली थी | वह बहुत बड़ी जादूगरनी थी | किसी भी शाबर मंत्र को जाग्रत करने में इस लोना चमारी की दुहाई का बड़ा महत्व था |
दूसरी लोना चमारी उतर प्रदेश के जिला सुल्तानपुर के एक ठाकुर की पत्नी थी | वे भी बहुत बड़ी तांत्रिक थी |
एक और अन्य लोना चमारी राजस्थान के ददरेवा की रहने वाली थी | यह गोगा जाहरवीर की माता वाशल की दासी थी | गोगा जाहरवीर इन्हें भी अपनी माँ मानते थे | यह जाति से चमार थी इसलिए इन्हें लोना चमारी कहा जाता था | यदि इस लोना चमारी को सिद्ध कर लिया जाये या इनकी दुहाई दी जाये तो जाहरवीर बाबा भी जाग्रत हो जाते है | इस लोना चमारी की पूजा राजस्थान में होती है और इन्हें गुरु गोरखनाथ की शिष्या माना जाता है |
इन सब के अतिरिक्त एक और अन्य लोना चमारी कामरूप कामख्या में पूजी जाती है | इन्हें इस्माइल योगी की शिष्या माना जाता है और इन्हें लोना योगन भी कहा जाता है | लोना चमारी के रूप में सबसे अधिक पूजा और सिद्धियाँ कामरूप कामाख्या वाली लोना चमारी की ही होती है |
Lona Chamari Mantra Sadhana :
लोना चमारी शाबर मंत्र साधना :-
नीचे दिए गये शाबर मंत्र द्वारा लोना चमारी को सिद्ध करने से साधक भूत-प्रेत, जादू-टोना, डाकिनी-शाकिनी,जिन्न बाधा, तांत्रिक माया जाल , काला जादू व रक्षा करने हेतु, इन सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करता है |
लोना चमारी शाबर मंत्र : –
ॐ नमो आदेश गुरु को
लूना चमारीन जगत की बिजुरी
मोती हेल चमके
जो “अमुक” पिंड में जान करे विजान करे
तो उस रण्डी पे फिरे
दुहाई तख़्त सुलेमान पैगंबर की
फिरे मेरी भक्ति
गुरु की शक्ति
फुरो मंत्र इश्वरोवाचा ||
लूना चमारीन जगत की बिजुरी
मोती हेल चमके
जो “अमुक” पिंड में जान करे विजान करे
तो उस रण्डी पे फिरे
दुहाई तख़्त सुलेमान पैगंबर की
फिरे मेरी भक्ति
गुरु की शक्ति
फुरो मंत्र इश्वरोवाचा ||
मंत्र साधना विधि :-
संध्या के समय पूर्व दिशा की तरफ मुख करके आसन बिछाकर बैठ जाये | सामने एक तेल का दीपक जलाये | साधना के पहले दिन
दो लड्डू, एक मीठा पान,दो लौंग,दो इलाइची छोटी और सात प्रकार की मिठाई अपने सामने रखे और अगले दिन किसी उजाड़ स्थान पर जाकर फेंक आयें |अब सबसे पहले गुरु पूजन करें फिर गणेश जी का पूजन करें | ऐसा करने के उपरांत रक्षा मंत्र द्वारा अपने चारों तरफ सुरक्षा चक्र बना ले | अब उपरोक्त शाबर मंत्र के अपने सामर्थ्य अनुसार जप करें | प्रतिदिन समान मात्रा में जप करें, किसी दिन कम या किसी दिन अधिक ऐसा बिल्कुल न करें | साधना को 21 दिन तक लगातार करें | 21वें दिन फिर से साधना में – दो लड्डू, एक मीठा पान,दो लौंग,दो इलाइची छोटी और सात प्रकार की मिठाई अपने सामने रखे और इससे अगले दिन किसी उजाड़ स्थान में फेंक आयें |
इस प्रकार से इस लोना चमारी साधना को करने से साधना/(Lona Chamari Mantra Sadhana) में सफलता प्राप्त होती है और साधक उपरोक्त दिए गये सभी कार्यों में सिद्धयाँ प्राप्त करता है |
अन्य जानकारियाँ :-
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मंत्र प्रयोग विधि : –
मन ही मन सात बार इस शाबर मंत्र(Lona Chamari Mantra Sadhana) का जप करें और लोना चमारी से अपने कार्य की पूर्णता की अरदास लगा दे | कार्य पूर्ण होने के बाद लोना चमारी की पूजा(7 प्रकार की मिठाई) किसी उजाड़ स्थान में जरुर रखकर आये |
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