कुबेर साधना रहस्य

कुबेर की गुप्त साधना



यह मंत्र पुष्पक विमान यन्त्र के सामने जपना चाहिए  

ॐ   वैश्रवण   सहपरिवारेण  समाज जह  हम  वाम  होह  ॐ  वे  स्वाहा

Drink a teaspoon of honey uttering below mantra



इदं  जम्भलस्य  मधु  मेघोनाम  मधुना  प्रजावती  पयस्वती  धनवती  धिमति आयुस्मति   भूयासं


 Apply small amount of water and cedar nut oil on your eye lids uttering the mantra

कुबेरस्योदकं  इदं  तेना दृष्टां  दृष्टां  भवति  हम  नाकुलहस्ताय  स्वाहा  

You shall close your eyes, visualize the great cave in the Himalayan heights where Kubera has placed the pot of golden kauberaka honey and meditate upon it doing japa of the mantra
ॐ  ह्रीम  वैश्रवण ! धनं पुष्टिम  देहि  में  स्वाहा  |


When you have become sthiramati emerge from your meditation uttering

ॐ वैश्रवण  अर्थातमोम हूं हूं हूं  फट

फिर कुबेर के द्वादश नमो का जाप करे  

धनदास के  यक्षपतिर    वित्तेषु   निधिपालकः  ।
रकससधिपतिस  चैव  पिंगलैक्सो  विमानगः  ॥
रुद्रसखा  कुबेरस  के  गुह्यकानाम  पतीस  तथा  ।
वैस्रावनेस्वरस    चैव  यक्षेन्द्रह  परिकीर्तितः  ||

Then one performs japa and/or homa of the mantra:

अस्य  मंत्रस्य  वदान्य  ऋषि । विराट  छन्दः  । अंतर्धान -धरिन -उग्र -कुबेरो  देवता  ।

ॐ  चण्डोग्रा  यक्षाय हुम्  फट  तिरोधेहि  सपतनं  नाह  स्वाहा  ||

There after one concludes with the incantation of the Śānkhāyana-s:

नैनं  रक्षो  न  पिसाचो   हिनस्ति  न  जम्भको  नापी  असुरो  न  यक्ष:  ||



यह मंत्र मुझे एक पुराणी पेंटिंग से मिला था ,  इसकी साधना का कोई विवरण नहीं मिला 

ॐ हम  जाम्भालया  वैश्रवणआया  मणिभद्राय  पंचिकाय   पूर्ण भदराय  नलकूबराय  यक्षेभ्यो  यक्षाणाम   पतये  नमः 



इस के अलावा कुबेर के ९  दिव्य रूपो की साधना आज भी हमारे शास्त्रो में है और जो एक वार इन साधनयों को कर लेता है उस के जीवन में कोई अभाव नहीं रहता क्या है यह कुबेर के 9 रूप -

1 – उग्र कुबेर — यह कुबेर धन तो देते ही है साथ में आपके सभी प्रकार के शत्रुओ का भी हनन कर देते है !
2-पुष्प कुबेर –यह धन प्रेम विवाह ,प्रेम में सफलता ,मनो वर प्राप्ति ,स्न्मोहन प्राप्ति ,और सभी प्रकार के दुख से निवृति के लिए की जाती है !
3-चंद्र कुबेर — इन की साधना धन एवं पुत्र प्राप्ति के लिए की जाती है ,योग्य संतान के लिए चंदर कुबेर की साधना करे !
4-पीत कुबेर — धन और वाहन सुख संपति आदि की प्राप्ति के लिए पीत कुबेर की साधना की जाती है !इस साधना से मनो वाशित वाहन और संपति की प्राप्ति होती है !
5- हंस कुबेर — अज्ञात आने वाले दुख और मुकदमो में विजय प्राप्ति के लिए हंस कुबेर की साधना की जाती है !
6- राग कुबेर — भोतिक और अधियात्मक हर प्रकार की विधा संगीत ललित कलाँ और राग नृत्य आदि में न्पुनता और सभी प्रकार की परीक्षा में सफलता के लिए राग कुबेर की साधना फलदायी सिद्ध होती है !
7-अमृत कुबेर — हर प्रकार के स्वस्थ लाभ रोग मुक्ति ,धन और जीवन में सभी प्रकार के रोग और दुखो के छुटकारे के लिए अमृत कुबेर की साधना दिव्य और फलदायी है !
8-प्राण कुबेर — धन है पर कर्ज से मुक्ति नहीं मिल रही वेयर्थ में धन खर्च हो रहा हो तो प्राण कुबेर हर प्रकार के ऋण से मुक्ति दिलाने में सक्षम है !इन की साधना साधक को सभी प्रकार के ऋण से मुक्ति देती है !
9- धन कुबेर — सभी प्रकार की कुबेर साधनयों में सर्व श्रेष्ठ है जीवन में हम जो भी कर्म करे उनके फल की प्राप्ति और धन आदि की प्राप्ति के लिए और मनोकामना की पूर्ति हेतु और भाग्य अगर साथ न दे रहा हो तो धन कुबेर की साधना सर्व श्रेष्ठ कही गई है !


ध्यान  
कुबेर का ध्यान यह मंत्र पढ़कर लगाएं−
मनुजवाहम्विमानवरस्थितं गरुडरत्ननिभं निधिनायकम्।
शिवसखं मुकुटादिविभूषितं वरगदे दधतं भज तुन्दिलम्।।


अब अलकापुरी में विराजमान कुबेर का ध्यान कहते हैं – मनुष्य श्रेष्ठ, सुन्दर विमान पर बैठे हुये, गारुडमणि जैसी आभा वाले, मुकुट आदि आभूषणों से अलंकृत, अपने दोनो हाथो में क्रमशः वर और गदा धारण किए हुये, तुन्दिल शरीर वाले, शिव के मित्र निधीश्वर कुबेर का मैं ध्यान करता हूँ


मंत्र महार्णव तथा मंत्र महोदधि आदि में निर्दिष्ट महाराज कुबेर के कुछ मंत्र इस प्रकार हैं

1. अष्टाक्षरमंत्र− ओम वैश्रवणाय स्वाहा।
2. षोडशाक्षरमंत्र− ओम श्री ओम ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः।
3. पंचत्रिंशदक्षरमंत्र− ओम यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।



कुबेर लक्ष्मी मंत्र

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं महालक्ष्मी धनदा लक्ष्मी कुबेराय मम गृह स्थिरो ह्रीं ॐ नमः
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥ 

 धन कुबेर मंत्र 

ॐ धन्नाधक्ष श्री धन कुबेर नमो नमः 



वित्तेश्वर मन्त्र
ऊँ श्रीं ऊँ ह्रीं श्री ह्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम: स्वाहा।
दस हजार सुगन्धित ताजे फ़ूलों को लेकर इस मंत्र के जाप के साथ यंत्र को पुष्पांजलि देनी चाहिये,फ़िर इस मंत्र का सात लाख जाप सात दिन के समय में करना चाहिये,और आठवें दिन सात हजार बार घी,तिल,शहद,पंचमेवा,खीर,लौंग,जौ,सात अनाज मिलाकर आम की लकडी के साथ हवन करना चाहिये,इससे यह यंत्र सिद्ध हो जाता है।

कुबेर मंत्र
ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रणवाय धनधान्यादिपतये धनधान्यसमृद्धि में देहि देहि दापय दापय स्वाहा।
इस मंत्र का यंत्र के सामने उत्तराभिमुख बैठ कर रोजाना पांच माला का जाप करना चाहिये,खूब संपत्ति आजाये फ़िर भी इस मंत्र को नही छोडना चाहिये,आठवें दिन ३५० मंत्रों की घी की आहुति देनी चाहिये।
यह यंत्र और मंत्र जीवन की सभी श्रेष्ठता को देने वाला,ऐश्वर्य,लक्षमी,दिव्यता,पद प्राप्ति,सुख सौभाग्य,व्यवसाय वृद्धि अष्ट सिद्धि,नव निधि,आर्थिक विकास,सन्तान सुख उत्तम स्वास्थ्य,आयु वृद्धि,और समस्त भौतिक और पराशुख देने में समर्थ है। लेकिन तुलसीदास की इस कहावत को नही भूलना चाहिये,"सकल पदारथ है जग माहीं,भाग्यहीन नर पावत नाहीं",जिनके भाग्य में लक्षमी सुख नही है,वे इसे ढकोसला और न जाने क्या क्या कह कर दरकिनार कर सकते हैं।

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