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Friday, 6 November 2020

Vichitra veer Hanuman

 Vichitra

Friday, 1 April 2016

श्री विचित्रवीरहनुमन्मालामन्त्रः ॥ Shri Vichitra Veer Hanuman mala mantra for enemies

श्री विचित्रवीरहनुमन्मालामन्त्रः ॥

मित्रों , समय  असमय  हम विभिन्न कारणों से शत्रुओं से या अनचाहे रूप से परेशान करने वालों से अथवा कत्यों में व्यवधान पैदा करने वालों से दुखी रहते हैं। इनसे सुरक्षित रहते हुए अपने कार्यों को सुचारु करने और जो जबरन परेशा करते हैं उन्हें पीड़ित करने हेतु ये हनुमान जी के  विचित्रविर रूप का मंत्र अति उपयोगी है।  इसके प्रतिदिन मात्र ११ बार पथ करने से मनुष्य शटरों से मुक्त रहता है और जो लोग परेशान करना चाहते हैं उन्हें हनुमान जी के कोप का भाजन बना पड़ता है।

🌺श्रीगणेशाय नमः ।

🌺ॐ अस्य श्रीविचित्रवीरहनुमन्मालामन्त्रस्य श्रीरामचन्द्रो भगवानृषिः, अनुष्टुप् छन्दः, श्रीविचित्रवीरहनुमान् देवता, ममाभीष्टसिद्ध्यर्थे मालामन्त्र जपे विनियोगः ।

🌺अथ करन्यासः ।
🌺ॐ ह्रां अङ्गुष्ठाभ्यां नमः ।
🌺ॐ ह्रीं तर्जनीभ्यां नमः ।
🌺ॐ ह्रूं मध्यमाभ्यां नमः ।
🌺ॐ ह्रैं अनामिकाभ्यां नमः ।
🌺ॐ ह्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः ।
🌺ॐ ह्रः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः ।

🌺अथ अङ्गन्यासः
🌺ॐ ह्रां हृदयाय नमः ।
🌺ॐ ह्रीं शिरसे स्वाहा ।
🌺ॐ ह्रूं शिखायै वषट् ।
🌺ॐ ह्रैं कवचाय हुम् ।
🌺ॐ ह्रौं नेत्रत्रयाय वौषट् ।
🌺ॐ ह्रः अस्त्राय फट् ।

🌺अथ ध्यानम् ।
🌺वामे करे वैरवहं वहन्तं शैलं परे श्रृङ्खलमालयाढ्यम् । दधानमाध्मातसुवर्णवर्णं भजे ज्वलत्कुण्डलमाञ्जनेयम् ॥

🌺ॐ नमो भगवते विचित्रवीरहनुमते प्रलयकालानलप्रभाज्वलत्प्रतापवज्रदेहाय अञ्जनीगर्भसम्भूताय प्रकटविक्रमवीरदैत्य- दानवयक्षराक्षसग्रहबन्धनाय भूतग्रह- प्रेतग्रहपिशाचग्रहशाकिनीग्रहडाकिनीग्रह- काकिनीग्रहकामिनीग्रहब्रह्मग्रहब्रह्मराक्षसग्रह- चोरग्रहबन्धनाय एहि एहि आगच्छागच्छ- आवेशयावेशय मम हृदयं प्रवेशय प्रवेशय स्फुर स्फुर प्रस्फुर प्रस्फुर सत्यं कथय कथय व्याघ्रमुखं बन्धय बन्धय सर्पमुखं बन्धय बन्धय राजमुखं बन्धय बन्धय सभामुखं बन्धय बन्धय शत्रुमुखं बन्धय बन्धय सर्वमुखं बन्धय बन्धय लङ्काप्रासादभञ्जन सर्वजनं मे वशमानय वशमानय श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सर्वानाकर्षय आकर्षय शत्रून् मर्दय मर्दय मारय मारय चूर्णय चूर्णय खे खे खे श्रीरामचन्द्राज्ञया प्रज्ञया मम कार्यसिद्धि कुरु कुरु मम शत्रून् भस्मी कुरु कुरु स्वाहा ॥
🌺ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः फट् श्रीविचित्रवीरहनुमते मम सर्वशत्रून् भस्मी कुरु कुरु हन हन हुं फट् स्वाहा ॥

🌺एकादशशतवारं जपित्वा सर्वशत्रून् वशमानयति नान्यथा इति ॥

🙏🏻इति श्रीविचित्रवीरहनुमन्मालामन्त्रः सम्पूर्णम्

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।।जय श्री राम।।
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3 comments:

  1. manyavar shatru bahut pareshan kiye hai batlaiye kya karen

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  2. hanumat bisa kavach sidhh karwa ke pahne

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