साधना का मार्ग सरल भी है और कठिन भी ! पहले सत्य को साधे फिर ही साधना करने निकले ! पुरानी किताबों से और अपने अनुभवों से खोज कर मंत्र प्रस्तुत किये गए है ! इनका दुरूपयोग न करे ! सिर्फ जानकारी के लिए साधना प्रस्तुत की गई है इसलिए किसी योग्य गुरु के सानिद्य में ही साधना संपन्न करे ! तंत्र बिजली के तार जैसा है दिखता नहीं है ! मेरी रूचि शाबर मंत्रो में थी इसलिए उस से सम्बंधित जानकारी ज्यादा प्रस्तुत की गयी है !
कुबेर साधना रहस्य
कुबेर की गुप्त साधना
यह मंत्र पुष्पक विमान यन्त्र के सामने जपना चाहिए
ॐ वैश्रवण सहपरिवारेण समाज जह हम वाम होह ॐ वे स्वाहा
Drink a teaspoon of honey uttering below mantra
इदं जम्भलस्य मधु मेघोनाम मधुना प्रजावती पयस्वती धनवती धिमति आयुस्मति भूयासं
Apply small amount of water and cedar nut oil on your eye lids uttering the mantra
कुबेरस्योदकं इदं तेना दृष्टां दृष्टां भवति हम नाकुलहस्ताय स्वाहा
You shall close your eyes, visualize the great cave in the Himalayan heights where Kubera has placed the pot of golden kauberaka honey and meditate upon it doing japa of the mantra
ॐ ह्रीम वैश्रवण ! धनं पुष्टिम देहि में स्वाहा |
When you have become sthiramati emerge from your meditation uttering
ॐ वैश्रवण अर्थातमोम हूं हूं हूं फट
फिर कुबेर के द्वादश नमो का जाप करे
धनदास के यक्षपतिर वित्तेषु निधिपालकः ।
रकससधिपतिस चैव पिंगलैक्सो विमानगः ॥
रुद्रसखा कुबेरस के गुह्यकानाम पतीस तथा ।
वैस्रावनेस्वरस चैव यक्षेन्द्रह परिकीर्तितः ||
Then one performs japa and/or homa of the mantra:
अस्य मंत्रस्य वदान्य ऋषि । विराट छन्दः । अंतर्धान -धरिन -उग्र -कुबेरो देवता ।
ॐ चण्डोग्रा यक्षाय हुम् फट तिरोधेहि सपतनं नाह स्वाहा ||
There after one concludes with the incantation of the Śānkhāyana-s:नैनं रक्षो न पिसाचो हिनस्ति न जम्भको नापी असुरो न यक्ष: ||
यह मंत्र मुझे एक पुराणी पेंटिंग से मिला था , इसकी साधना का कोई विवरण नहीं मिला
ॐ हम जाम्भालया वैश्रवणआया मणिभद्राय पंचिकाय पूर्ण भदराय नलकूबराय यक्षेभ्यो यक्षाणाम पतये नमः
इस के अलावा कुबेर के ९ दिव्य रूपो की साधना आज भी हमारे शास्त्रो में है और जो एक वार इन साधनयों को कर लेता है उस के जीवन में कोई अभाव नहीं रहता क्या है यह कुबेर के 9 रूप -
1 – उग्र कुबेर — यह कुबेर धन तो देते ही है साथ में आपके सभी प्रकार के शत्रुओ का भी हनन कर देते है !
2-पुष्प कुबेर –यह धन प्रेम विवाह ,प्रेम में सफलता ,मनो वर प्राप्ति ,स्न्मोहन प्राप्ति ,और सभी प्रकार के दुख से निवृति के लिए की जाती है !
3-चंद्र कुबेर — इन की साधना धन एवं पुत्र प्राप्ति के लिए की जाती है ,योग्य संतान के लिए चंदर कुबेर की साधना करे !
4-पीत कुबेर — धन और वाहन सुख संपति आदि की प्राप्ति के लिए पीत कुबेर की साधना की जाती है !इस साधना से मनो वाशित वाहन और संपति की प्राप्ति होती है !
5- हंस कुबेर — अज्ञात आने वाले दुख और मुकदमो में विजय प्राप्ति के लिए हंस कुबेर की साधना की जाती है !
6- राग कुबेर — भोतिक और अधियात्मक हर प्रकार की विधा संगीत ललित कलाँ और राग नृत्य आदि में न्पुनता और सभी प्रकार की परीक्षा में सफलता के लिए राग कुबेर की साधना फलदायी सिद्ध होती है !
7-अमृत कुबेर — हर प्रकार के स्वस्थ लाभ रोग मुक्ति ,धन और जीवन में सभी प्रकार के रोग और दुखो के छुटकारे के लिए अमृत कुबेर की साधना दिव्य और फलदायी है !
8-प्राण कुबेर — धन है पर कर्ज से मुक्ति नहीं मिल रही वेयर्थ में धन खर्च हो रहा हो तो प्राण कुबेर हर प्रकार के ऋण से मुक्ति दिलाने में सक्षम है !इन की साधना साधक को सभी प्रकार के ऋण से मुक्ति देती है !
9- धन कुबेर — सभी प्रकार की कुबेर साधनयों में सर्व श्रेष्ठ है जीवन में हम जो भी कर्म करे उनके फल की प्राप्ति और धन आदि की प्राप्ति के लिए और मनोकामना की पूर्ति हेतु और भाग्य अगर साथ न दे रहा हो तो धन कुबेर की साधना सर्व श्रेष्ठ कही गई है !
ध्यान
कुबेर का ध्यान यह मंत्र पढ़कर लगाएं−
मनुजवाहम्विमानवरस्थितं गरुडरत्ननिभं निधिनायकम्।
शिवसखं मुकुटादिविभूषितं वरगदे दधतं भज तुन्दिलम्।।
अब अलकापुरी में विराजमान कुबेर का ध्यान कहते हैं – मनुष्य श्रेष्ठ, सुन्दर विमान पर बैठे हुये, गारुडमणि जैसी आभा वाले, मुकुट आदि आभूषणों से अलंकृत, अपने दोनो हाथो में क्रमशः वर और गदा धारण किए हुये, तुन्दिल शरीर वाले, शिव के मित्र निधीश्वर कुबेर का मैं ध्यान करता हूँ
मंत्र महार्णव तथा मंत्र महोदधि आदि में निर्दिष्ट महाराज कुबेर के कुछ मंत्र इस प्रकार हैं
1. अष्टाक्षरमंत्र− ओम वैश्रवणाय स्वाहा।
2. षोडशाक्षरमंत्र− ओम श्री ओम ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः।
3. पंचत्रिंशदक्षरमंत्र− ओम यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।
कुबेर लक्ष्मी मंत्र
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं महालक्ष्मी धनदा लक्ष्मी कुबेराय मम गृह स्थिरो ह्रीं ॐ नमः
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
धन कुबेर मंत्र
ॐ धन्नाधक्ष श्री धन कुबेर नमो नमः
वित्तेश्वर मन्त्रऊँ श्रीं ऊँ ह्रीं श्री ह्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम: स्वाहा।
दस हजार सुगन्धित ताजे फ़ूलों को लेकर इस मंत्र के जाप के साथ यंत्र को पुष्पांजलि देनी चाहिये,फ़िर इस मंत्र का सात लाख जाप सात दिन के समय में करना चाहिये,और आठवें दिन सात हजार बार घी,तिल,शहद,पंचमेवा,खीर,लौंग,जौ,सात अनाज मिलाकर आम की लकडी के साथ हवन करना चाहिये,इससे यह यंत्र सिद्ध हो जाता है।
कुबेर मंत्रऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रणवाय धनधान्यादिपतये धनधान्यसमृद्धि में देहि देहि दापय दापय स्वाहा।
इस मंत्र का यंत्र के सामने उत्तराभिमुख बैठ कर रोजाना पांच माला का जाप करना चाहिये,खूब संपत्ति आजाये फ़िर भी इस मंत्र को नही छोडना चाहिये,आठवें दिन ३५० मंत्रों की घी की आहुति देनी चाहिये।
यह यंत्र और मंत्र जीवन की सभी श्रेष्ठता को देने वाला,ऐश्वर्य,लक्षमी,दिव्यता,पद प्राप्ति,सुख सौभाग्य,व्यवसाय वृद्धि अष्ट सिद्धि,नव निधि,आर्थिक विकास,सन्तान सुख उत्तम स्वास्थ्य,आयु वृद्धि,और समस्त भौतिक और पराशुख देने में समर्थ है। लेकिन तुलसीदास की इस कहावत को नही भूलना चाहिये,"सकल पदारथ है जग माहीं,भाग्यहीन नर पावत नाहीं",जिनके भाग्य में लक्षमी सुख नही है,वे इसे ढकोसला और न जाने क्या क्या कह कर दरकिनार कर सकते हैं।
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अब एक अद्वितीय तंत्र,मंत्र,यंत्र,जन्त्र,बंधन दोष एवं सर्व बाधा निवारण मंत्र दे रहा हू
1…अब एक अद्वितीय तंत्र,मंत्र,यंत्र,जन्त्र,बंधन दोष एवं सर्व बाधा निवारण मंत्र दे रहा हु-
अभिचार-कर्म नाशक मंत्र-
ll राम नाम लेकर हनुमान चले,कहा चले चौकी बिठाने चले,चौकी बिठाके रात की विद्या दिन की विद्या चारो प्रहर की विद्या काटे हनुमान जती,मंत्र बाँध तंत्र बाँध जन्त्र बाँध रगड के बाँध,मेरी आण मेरे गुरू की आण,छु वाचापुरी ll
मंत्र का रोज मंगलवार से 108 बार जाप 21 दिन करना है.शाबर मंत्रो मे बाकी नियम नही होते है.मंत्र सिद्ध होगा & बभुत पर मंत्र को 11 बार पढकर 3 फुंक लगाये.अब बभुत को जिसपर तंत्र बाधा हो उसके माथे पर लगा दे तो पीडित के कष्ट दुर हो जायेगा.इस मंत्र से चौकी भी लगता है,बाधा भी कटता है और बंधन भी लगाया जाता है.यह हनुमत मंत्र मुझे गुरूमुख से प्राप्त हुआ है जो इस दुनिया के किसी भी किताब मे नही है.इस मंत्र से झाडा भी लगा सकते है और पानी मे पढकर भी दिया जा सकता है…
2…- छलछिद्र उच्चाटन
॥ मंत्र ॥
ॐ महावीर।
हनुमंत वीर।
तेरे तरकश में सौ सौ तीर।
खिण बाएं खिण दाहिने।
खिण खिण आगे होय।
अचल गुसाईं सेवता।
काया भंग न होय।
इंद्रासन दी बाँध के।
करे घूमे मसान
इस काया को छलछिद्र का…
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ॐ श्री काल भैरव बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मंत्र
ॐ श्री काल भैरव बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मंत्र
ॐ अस्य श्री बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मन्त्रस्य सप्त
ऋषिः ऋषयः, मातृका छंदः, श्री बटुक भैरव
देवता, ममेप्सित कामना सिध्यर्थे विनियोगः.
ॐ काल भैरु बटुक भैरु ! भूत भैरु ! महा भैरव
महा भी विनाशनम देवता सर्व सिद्दिर्भवेत .
शोक दुःख क्षय करं निरंजनम, निराकरम
नारायणं, भक्ति पूर्णं त्वं महेशं. सर्व
कामना सिद्दिर्भवेत. काल भैरव, भूषण वाहनं
काल हन्ता रूपम च, भैरव गुनी.
महात्मनः योगिनाम महा देव स्वरूपं. सर्व
सिद्ध्येत. ॐ काल भैरु, बटुक भैरु, भूत भैरु ! महा भैरव
महा भय विनाशनम देवता. सर्व सिद्दिर्भवेत.
ॐ त्वं ज्ञानं, त्वं ध्यानं, त्वं योगं, त्वं तत्त्वं, त्वं
बीजम, महात्मानम, त्वं शक्तिः, शक्ति धारणं
त्वं महा देव स्वरूपं. सर्व सिद्धिर्भवेत. ॐ काल भैरु,
बटुक भैरु, भूत भैरु ! महा भैरव महा भय विनाशनम
देवता. सर्व सिद्दिर्भवेत.
ॐ कालभैरव ! त्वं नागेश्वरम नाग हारम च त्वं वन्दे
परमेश्वरम, ब्रह्म ज्ञानं, ब्रह्म ध्यानं, ब्रह्म योगं,
ब्रह्म तत्त्वं, ब्रह्म बीजम महात्मनः, ॐ काल भैरु,
बटुक भैरु, भूत भैरु, महा भैरव महा भय विनाशनम
देवता! सर्व सिद्दिर्भवेत.
त्रिशूल चक्र, गदा पानी पिनाक धृक ! …
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ब्रह्म तत्त्वं, ब्रह्म बीजम महात्मनः, ॐ काल भैरु,
बटुक भैरु, भूत भैरु, महा भैरव महा भय विनाशनम
देवता! सर्व सिद्दिर्भवेत.
त्रिशूल चक्र, गदा पानी पिनाक धृक ! …
मारन मंत्र कला कलुआ चौसठ वीर
कला कलुआ चौसठ वीर , मेरा कलुवा मारा तीर जहा को भेजू वही को जाये , मास मची को छुवन न जाये , अपना मारा आप ही खाये , चलन बजे माँ से उलट मूठ मरू , मार मार कलुवा तेरी आस चार चौंका दिया ना बाती , जामा मरू वही को जाती , इतना काम मेरा न करे तो उसे अपनी माता का दूध हराम
ये मारन मंत्र है , प्रयोग विधि के लिए आप संपर्क आकर सकते है ! ये मंत्र उड़ता हुआ शत्रु के घर जाता है और अगर शत्रु प्रति उत्तर दिया तो उस को नष्ट करता है
कलवा वीर बहुत उग्र स्वाभाव का है और मारण करने से आपके स्वयं का जीवन कठिनाई भरा होता है ! जीवन का अंतिम समय कतगीनाई भरा हो सतक्ता है ! इसका जाप करे तो बजरंग बाण 1000 बार जप करके पहले सिद्ध करे ! हमेशा सौम्य साधना की करे
ये मारन मंत्र है , प्रयोग विधि के लिए आप संपर्क आकर सकते है ! ये मंत्र उड़ता हुआ शत्रु के घर जाता है और अगर शत्रु प्रति उत्तर दिया तो उस को नष्ट करता है
कलवा वीर बहुत उग्र स्वाभाव का है और मारण करने से आपके स्वयं का जीवन कठिनाई भरा होता है ! जीवन का अंतिम समय कतगीनाई भरा हो सतक्ता है ! इसका जाप करे तो बजरंग बाण 1000 बार जप करके पहले सिद्ध करे ! हमेशा सौम्य साधना की करे
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